who are aryans ? आर्य किसे कहते है?

आर्य किसे कहते है?

आर्य शब्द का अर्थ है श्रेष्ठ, अतः आर्य समाज का अर्थ हुआ श्रेष्ठ और प्रगतिशीलों का समाज, जो वेदों के अनुकूल चलने का प्रयास करते हैं। दूसरों को उस पर चलने को प्रेरित करते हैं। 
आर्य किसी जाति या धर्म का नाम न होकर इसका अर्थ सिर्फ श्रेष्ठ ही माना जाता है। अर्थात जो मन, वचन और कर्म से श्रेष्ठ है वही आर्य है। आर्य का मतलब श्रेष्ठ, संस्कारी, सुधारक, असत्य का विरोधी, अत्याचार व् अनाचार का विरोधी, निराकार इश्वर की उपासना एवम सत्य के पुजारी यह सब गुण जिनमे हो उसे आर्य कहते हे |  जो मनुष्य वेद विदया ग्रहण कर श्रेष्ठ गुण, कर्म और स्वभाव को धारण करता है, जो परोपकारी, धर्मात्मा और सत्य मार्ग पर चलने वाला प्रत्येक प्राणी के हित के लिए अपने कर्तव्य का पालन करता है, और परमात्मा की उपासना वेदानुसार विधि से करता है। उसे आर्य कहते हैं।
इस प्रकार आर्य धर्म का अर्थ श्रेष्ठ समाज का धर्म ही होता है। प्राचीन भारत को आर्यावर्त भी कहा जाता था जिसका तात्पर्य श्रेष्ठ जनों के निवास की भूमि था।

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